परिचय
क्या आपने कभी सोचा होगा कि कुछ देशों को ऐसी शक्तियाँ कैसे मिलीं जो दुनिया को बदल सकती थीं और दुनिया के बाकी देशों को इन शक्तियों तक पहुंचने से रोक दिया गया? यह ब्लॉग आपको बताएगा कि कैसे कुछ देशों ने टेक्नोलॉजी, सैन्य ताकत और रणनीतिक संसाधनों पर अपनी पकड़ बनाई – और इस ज्ञान को बाकी दुनिया से कैसे छिपाया गया।
परमाणु शक्ति की शुरुआत – कुछ देशों का वर्चस्व
20वीं सदी के मध्य में जब अमेरिका ने परमाणु बम गिराया था, उस समय दुनिया को पहली बार एहसास हुआ होगा कि विज्ञान के इस रूप में कितनी भयानक ताकत छिपी हुई है। अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस आदि देशों ने जल्द ही न्यूक्लियर हथियार बना लिए, लेकिन उन्होंने NPT (Non-Proliferation Treaty) के ज़रिए बाकी देशों को इसे हासिल करने से रोकने की कोशिश की। कैसे मिली उन्हें ताकत
टेक्नोलॉजी का जाल
बहुत सारी टेक्नोलॉजी दुनिया ने बना दी हे – एडवांस्ड मिलिट्री डिवाइसेज़, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम कंप्यूटिं। पेटेंट और बौद्धिक अधिकार कुछ विकसित देशों ने पहले ही ले रखा हे – जिसके कारण विकासशील देशों को प्रोडक्शन और रिसर्च में सीमित कर दिया गया हे । कैसे मिली उन्हें ताकत
प्राकृतिक पर नियंत्रण
कुछ देशों के पास रेयर अर्थ मटेरियल, यूरेनियम और तेल जैसे संसाधनों का नियंत्रण है। बिना इन संसाधनों के हथियारों का निर्माण करना संभव नहीं है। जब कोई दूसरा देश इन संसाधनों के लिए मांग करता है, उस पर पाबंदियाँ, युद्ध या राजनीतिक दबाव डाल दिया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के ज़रिए कंट्रोल
World बैंक, UN और IMF संस्थाएं विकसित देशों के हित के अनुसार काम करती हैं। जब कोई देश अपनी सैन्य ताकत या टेक्नोलॉजी बढ़ाने की कोशिश करता है, तो संस्थाओं के ज़रिए दवाब या पाबंदियाँ डाला जाता है।
निष्कर्ष
जिन देशों ने सही कदम उठाया सही समय पर उनका पावर आज वर्ल्ड में हैं। लेकिन पीछे रहते समय उन्हें अब केवल नज़र रखने की इजाज़त है। कैसे मिली उन्हें ताकत
